ईडन गार्डन्स स्टेडियम: पिच की पूरी जानकारी और उपयोगी सुझाव।

भारत में कई प्रतिष्ठित स्टेडियम हैं, जिनमें से एक है ईडन गार्डन, कोलकाता स्टेडियम। यह स्टेडियम भारतीय क्रिकेट इतिहास के कई ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है।

इस पिच की विशेषताओं, खेल की परिस्थितियों, और यहां खेले जाने वाले मैचों का विश्लेषण करना Dream11 जैसे फैंटेसी प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले लोगों के लिए बहुत जरूरी होता है।

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इसी वजह से, आज इस लेख के माध्यम से हम इन सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

साथ ही, Dream11 में टीम बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी देंगे, जो आपको अच्छे अंक हासिल करने में मदद करेंगे।

स्टेडियम की मुख्य जानकारी

  • स्थान: कोलकाता, पश्चिम बंगाल
  • क्षमता: वर्तमान में 66,000
  • स्थापना: 1864
  • मालिक: क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB)
  • आयाम: 66-68 मीटर (सामान्य)

अब चलिए, सबसे पहले स्टेडियम के पिच स्वरूप के बारे में जानते हैं।

ईडन गार्डन का पिच स्वरूप

1. बल्लेबाजों के लिए अनुकूल पिच

किसी भी प्रतियोगिता के आगे बढ़ने के साथ, पिच की स्वभाव में बदलाव देखने को मिलता है, जिससे बल्लेबाजों को बल्लेबाजी में आसानी होती है। छोटी सीमाएं और तेज आउटफील्ड बल्लेबाजों को बड़े शॉट्स खेलने में मदद करती हैं।

2. तेज गेंदबाजों को शुरुआती मदद

ईडन गार्डन की पिच पर शुरुआती ओवरों में तेज गेंदबाजों को स्विंग और सीम का अच्छा फायदा मिलता है। पिच पर हल्की घास और अतिरिक्त उछाल के कारण गेंदबाज प्रभावी साबित होते हैं।

खासकर सुबह के समय, यदि टेस्ट मैच हो रहा हो, तो शुरुआती 5-12 ओवरों के बीच गेंद का मूवमेंट बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है।

3. स्पिन गेंदबाजी का प्रभाव

मैच के बाद के हिस्से में पिच टूटने लगती है, जिससे स्पिन गेंदबाजों को अधिक टर्न मिलता है। टेस्ट मैच के दौरान चौथे और पांचवें दिन स्पिनर्स को अतिरिक्त मदद मिलती है। T20 और वनडे मैचों में भी बीच के ओवरों में स्पिन गेंदबाज अहम भूमिका निभाते हैं।

ईडन गार्डन पर मौसम का प्रभाव

सर्दियों का मौसम (अक्टूबर से फरवरी)

सर्दियों में ईडन गार्डन का मौसम ठंडी और सुहावना रहता है। ठंडी हवाएं और कम उमस खिलाड़ियों के लिए अनुकूल होती हैं। हालांकि, शाम के समय ओस गिरने की संभावना रहती है,

जिससे गेंदबाज और फील्डर को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जबकि बल्लेबाजी अपेक्षाकृत आसान हो जाती है।

मानसून के बाद (जुलाई से सितंबर)

इस समय कोलकाता में बारिश का प्रभाव अधिक रहता है। मैदान गीला होने के कारण मैच में रुकावटें हो सकती हैं। ऐसे हालात में डकवर्थ-लुईस नियम लागू हो सकता है, जिससे टीमों की रणनीतियों में बदलाव देखा जाता है।

गर्मी का मौसम (मार्च से जून)

गर्मियों में खिलाड़ियों को उमस और थकावट का सामना करना पड़ता है। तेज गेंदबाज जल्दी थक सकते हैं, लेकिन स्पिनरों को अतिरिक्त मदद मिलती है। इस दौरान बल्लेबाजों को संयम और सही रणनीति अपनाने की आवश्यकता होती है।

फॉर्मेट के अनुसार पिच रिपोर्ट

वनडे मैच

वनडे जैसे प्रारूप में पिच ज्यादातर संतुलित रहती है।

  • पहले 10 ओवर – पहले 1 से 10 ओवर के बीच तेज गेंदबाजों को स्विंग का फायदा मिलता है।
  • मध्य ओवर – मध्य ओवरों में बल्लेबाज रन बनाने का प्रयास करते हैं, क्योंकि यह समय बल्लेबाजी के लिए उपयुक्त होता है।
  • आखिरी के ओवर – यदि मैदान पर ओस आ जाए, तो गेंदबाजों को गेंदबाजी में थोड़ी परेशानी हो सकती है।

T20 मैच

  • T20 मैचों के लिए यह पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जाती है।
  • इस स्टेडियम की तेज आउटफील्ड और छोटी बाउंड्री के कारण रन बनने की संभावना अधिक होती है।
  • हालांकि, बीच के कुछ ओवरों में स्पिन गेंदबाज रन रोकने में सफल हो सकते हैं।

टेस्ट मैच

टेस्ट मैचों में हर दिन पिच की स्थिति में बदलाव होता है।

  • पहले और दूसरे दिन – इस दौरान बल्लेबाजों को खेलने में आसानी होती है, जिससे वे अधिक रन बना पाते हैं।
  • तीसरे और चौथे दिन – पिच धीरे-धीरे धीमी होने लगती है, और स्पिन गेंदबाजों का प्रभाव बढ़ जाता है।
  • पांचवें दिन – मैच के पांचवें दिन पिच पर दरारें आ जाती हैं, जिससे बल्लेबाजी करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

Dream11 के लिए सुझाव

टॉस का महत्व

यदि मैच शाम को हो रहा है और ओस गिरने की संभावना है, तो टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करना बेहतर होता है। इससे दूसरी पारी में बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है।

टीम का चयन

  • ऐसे गेंदबाजों को चुनें जो शुरुआती ओवरों में स्विंग और गति से विकेट लेने में सक्षम हों।
  • दूसरी पारी के लिए स्पिन गेंदबाज, जो अधिक टर्न करने में माहिर हों, को अपनी टीम में शामिल करें।
  • टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों को प्राथमिकता दें।

ऑलराउंडर खिलाड़ियों का चयन

Dream11 पर टीम बनाते समय ऑलराउंडर खिलाड़ियों को शामिल करना एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि वे बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में योगदान देकर अधिक अंक दिला सकते हैं।

कप्तान और उपकप्तान का चयन

  • यदि टीम पहले बल्लेबाजी कर रही है, तो ओपनर या मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज को कप्तान बनाएं
  • दूसरी पारी में गेंदबाजी करने वाली टीम के स्पिनरों या डेथ ओवर विशेषज्ञ गेंदबाजों को उपकप्तान बनाना लाभदायक हो सकता है।

FAQ

Q1. ईडन गार्डन बैटिंग पिच है या बॉलिंग पिच?

Ans. यह पिच ज्यादातर बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जाती है, लेकिन मैच की स्थिति और दिन के अनुसार इसमें बदलाव देखने को मिलता है। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है, पिच स्पिन गेंदबाजों के लिए भी अनुकूल हो जाती है।

Q2. ईडन गार्डन कहां स्थित है?

Ans. ईडन गार्डन भारत के पश्चिम बंगाल राज्य की राजधानी कोलकाता में स्थित है। यह स्टेडियम हावड़ा ब्रिज के पास, हुगली नदी के किनारे स्थित है। शहर के बीचो-बीच होने के कारण यहां पहुंचना काफी आसान है।

Q3. ईडन गार्डन की स्थापना कब हुई थी?

Ans. इसकी स्थापना 1864 में हुई थी। यह भारत के सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और दुनिया के ऐतिहासिक स्टेडियमों में भी इसका नाम शामिल है। इसकी देखरेख क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) द्वारा की जाती है।

Q4. ईडन गार्डन स्टेडियम में पहला मैच कब और किसके बीच खेला गया था?

Ans. पहला अंतरराष्ट्रीय मैच जनवरी 1934 में भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच के रूप में खेला गया था।

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